भारत और मॉरीशस – प्रगाढ़ होते सम्बन्ध

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने अपने देश का सर्वोच्च सम्मान “द ग्रैंड कमांडर आफ द आडर आफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन“ से सम्मानित किया। मॉरीशस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उन भारतीयों का सम्मान है जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी इस धरती की सेवा की और मॉरीशस को इस ऊंचाई पर लेकर आए।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय मॉरीशस की यात्रा संपन्न हो चुकी है जो कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण रही है, इस यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस पर मुख्य अतिथि रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा का महत्व इस बात से ही समझा जा सकता है पोर्ट लुई एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए वहां का उच्च नेतृत्व अपने दलबल के साथ उपस्थित रहा। प्रधानमंत्री के मॉरीशस एयरपोर्ट पहुंचने पर भारतीय समुदाय की महिलाओं ने “गीत गवई” नामक पारपंरिक बिहारी सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से उनका स्वागत किया गया।
भारत और मॉरीशस के मध्य सम्बंध वैसे तो लम्बे समय से हैं किंतु 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग गठबंधन की सरकार आने के बाद से ये संबंध निरंतर प्रगाढ़ हो रहे हैं। भारत और मारीशस के मध्य सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, आध्यात्मिक संबंध सदा रहे हैं जिनमें अब आर्थिक, सामरिक व रणनीतिक पक्ष भी जुड़ गए हैं। भारत और विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी मॉरिशस के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व देते है इसका पता इसी बात से चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी 2015 में भी मॉरीशस राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए थे। भारत की वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 2024 में मारीशस के राष्ट्रीय दिवस की मुख्यअतिथि बनीं। 2014, 2019 और 2024 में मारीशस के प्रतिनिधि नरेन्द्र मोदी जी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने आए थे। नई दिल्ली में आयोजित जी -20 शिखर सम्मेलन में मॉरीशस एक “विशेष आमंत्रित सदस्य“ था। इस अवसर पर मॉरीशस ने भारत व अन्य देशों के साथ मिलकर वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का शुभारंभ किया था।
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने अपने देश का सर्वोच्च सम्मान “द ग्रैंड कमांडर आफ द आडर आफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन“ से सम्मानित किया। मॉरीशस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उन भारतीयों का सम्मान है जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी इस धरती की सेवा की और मॉरीशस को इस ऊंचाई पर लेकर आए।भारत और मॉरीशस के संबंध कितने पुराने और प्रगाढ़ है इस बात का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि 12 मार्च का दिन वही दिन है जब महात्मा गांधी ने गुलामी के खिलाफ दांडी सत्याग्रह प्रारम्भ किया था।प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में याद दिलाया कि जब अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी तब मॉरीशस में भी आस्था और भावना का प्रबल ज्वार दिखाई पड़ रहा था। मॉरीशस सरकार ने उस दिन आधे दिन का अवकाश घोषित किया था जिससे लोग प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सीधा देख सकें । अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ष घोषित मखाना बोर्ड का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी विदेश यात्रा पर जाते है तो वहां निवास करने वाले भारतीय मूल के समुदाय को संबोधित करते हुए सांस्कृतिक ,सामाजिक व आत्मीय संबंधो को और मजबूत करने का प्रयास करते हैं जिसका व्यापक प्रभाव दोनों देशों के संबंधों पर भी पड़ता है। प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि यहां की मिट्टी में, हवा में, पानी में अपनेपन का एहसास है। उन्होंने वहां उपस्थित समुदाय को भोजपुरी भाषा में भी संबोधित किया क्योंकि मॉरीशस में भारी संख्या में भोजपुरी बोलने वाले बिहारी लोग निवास करते हैं। प्रधानमंत्री के संबोधन के बीच उपस्थित जनसमुदाय भी मोदी- मोदी के नारे लगा रहा था।
रणनीतिक, कूटनीतिक और सामरिक दृष्टिकोण से मॉरीशस के साथ मजबूत रिश्ते भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह एक ऐसा पुल है जो भारत को ग्लोबल साउथ से जोड़ता है। भारत और मॉरीशस के रिश्तों के मध्य हिंद महसागर में आपसी साझेदारी बढ़ाना मुख्य उददेश्य है।यह भारतीय सुरक्षा रणनीति का ही हिस्सा रहा है कि चागोस द्वीप पर मारीशस का समर्थन किया है क्योंकि यह विउपनिवेशकरण का हिस्सा है जो भारत की विदेश नीति का अहम् पक्ष है। चागोस द्वीप को लेकर ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच 50 वर्षों से विवाद चल रहा था और 5 माह पूर्व भारत के सहयोग से ही समझौता हुआ है।
इस बार भारत और मॉरीशस के मध्य कुल आठ समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए मॉरिशस के नये संसद भवन का निर्माण भारत के सहयेग से संपन्न करवाने की घोषणा करी है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनरामचंद्र रामगुलाम के मध्य द्विपक्षीय स्तर की वार्ता हुई जिसमें दोनों नेताओं ने पारस्परिक संबंधों को बढ़ाने के लिए नये मार्ग खोजने पर भी विचार विमर्श किया।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत मारीशस संबंध केवल हिंद महासागर से नहीं अपितु हमारी साझी सांस्कृतिक परंपराओं ओैर मूल्यों से भी जुड़े हैं। हम आर्थिक और सामाजिक प्रगति की राह पर एक-दूसरे के साथी हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि अगले 5 वर्षो में भारत में 500 सिविल सर्वेंट को प्रशिक्षित किया जायेगा। साथ ही भारत और मॉरीशस के मध्य स्थानीय करेंसी पर व्यापार करने में सहमति बन चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान मॉरिशस के प्रधानमंत्री नवीनरामचंद्र रामगुलाम जी व उनके परिवार को अमूल्य उपहार भेंट किये। वहीं उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ का पवित्र जल भी भेंट किया। यह पवित्र जल वहां 1972 में बनाये गये गंगा तालाब में विधिवत पूजा अर्चना के बाद मिलाया गया जिसके बाद मॉरीशस के वे लोग जो महाकुंभ नहीं आ सके अब उस पवित्र गंगा तालाब में स्नान कर पुण्य प्राप्त कर सकेंगे। मॉरिशस का गंगा तालाब एक प्रसिद्ध संत द्वारा निर्मित किया गया है जहाँ भगवान गणेश ,शिव जी सहित हिंदू देवी“ देवताओं के मंदिर स्थित हैं । कुम्भ जल मिलने के बाद से इस स्थान की महत्ता और अधिक बढ़ गई है।
सांस्कृतिक, सामरिक, रणनीतिक सभी दृष्टियों से प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस की यह यात्रा अब तक की सबसे सफल यात्रा कही जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।


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Mrityunjaya Dixit

Mrityunjaya Dixit is a senior journalist.

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