भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की ओर दिया जा रहा है विशेष ध्यान

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वित्तीय वर्ष 2025-26 में 10,000 अतिरिक्त मेडिकल सीटों का सृजन भी किया जा रहा है ताकि आगामी पांच वर्षों के दौरान देश के मेडिकल कॉलेजों में 75,000 नई सीटों के सृजन के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। साथ ही, केंद्र सरकार हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर और मेडिकल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा दे रही है।

 

प्राचीनकाल में भारत के नागरिकों में स्वास्थ्य के प्रति चेतना का भाव जागृत रहता था। जागरूकता तो यहां तक थी कि किस प्रकार जीवन की दिनचर्या स्थापित हो कि परिवार में कोई बीमार ही नहीं हो, बीमारी का निदान तो आगे की प्रक्रिया रहती है। उस खंडकाल में प्रत्येक नागरिक इतना सजग रहता था कि प्रातःकाल एवं सायंकाल में 5/10 किलोमीटर तक नियमित रूप से पैदल चलना एवं योगक्रिया तथा प्राणायाम आदि का अभ्यास नियमित रूप से करता था ताकि शरीर को किसी भी प्रकार का रोग ही नहीं लगे एवं शरीर स्वस्थ बना रहे। इसके साथ ही खानपान, सामान्य दिनचर्या, सूरज डूबने के पूर्व भोजन करना, रात्रि में जल्दी सोना और प्रातःकाल में जल्दी उठना, दिन भर मेहनत के कार्य करना, जैसी प्रक्रिया सामान्यजन की हुआ करती थी। परंतु, आज परिस्थितियां बदली हुई सी दिखाई देती हैं। पश्चिमी सभ्यता की ओर बढ़ रहे रुझान के चलते युवाओं के खानपान में आमूलचूल परिवर्तन दिखाई देता है, दिनचर्या में परिवर्तन दिखाई देता है, रात्रि में बहुत देर से सोना और सूर्य नारायण के उदित होने के पश्चात दिन में बहुत देर से उठना आदि कारणों के चलते विभिन्न प्रकार की बीमारियां नागरिकों को घेरने लगी हैं। अतः केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों को नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए अपने बजट में विशेष प्रावधान करने पड़ रहे हैं।

आज, केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा यह प्रयास किए जा रहे हैं कि समाज के हर वर्ग तक सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से पहुंचें और आज सरकार की यह प्राथमिकता बन गई है। देश में नागरिकों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 175,000 आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए गए हैं। इन सभी प्रयासों के चलते आज भारत में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में भी व्यापक कमी दृष्टिगोचर हुई है और केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे प्रयासों के चलते एवं अस्पताल, इलाज और दवा की व्यवस्था के कारण एक सामान्य परिवार में स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च निरंतर कम हो रहा है।

भारत में, नागरिकों की दिनचर्या में आ रही गिरावट एवं खानपान में आए बदलाव के चलते देश में कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और इसका इलाज महंगा होने के कारण आम नागरिकों के लिए इस बीमारी का इलाज कराना बहुत मुश्किल कार्य होता जा रहा है। अतः केंद्र सरकार ने कैंसर दवाओं के आयात पर कस्टम ड्यूटी को समाप्त कर दिया है। केंद्र सरकार द्वारा, अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन करते हुए, सर्वाइकल कैंसर के लिए अब तक लगभग नौ करोड़ महिलाओं की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। देश में लगातार बढ़ रही कैंसर के मरीजों की संख्या को देखते हुए देश के समस्त जिलों में आगामी 3 वर्षों के दौरान डे केयर कैंसर सेंटर की स्थापना कर दी जाएगी। इस प्रकार, वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान 200 डे केयर कैंसर सेंटर की स्थापना की जा रही है।

इसी प्रकार केंद्र सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से दिमागी बुखार से लड़ने में देश को बहुत सफलता मिली है। इससे होने वाली मृत्यु दर अब घटकर छह प्रतिशत रह गयी है। केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी के मरीजों की संख्या भी घटी है। भारत को टीबी मुक्त बनाए जाने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम की सही ट्रैकिंग रखने के लिए U-WIN नामक पोर्टल लॉन्च किया गया है। इस पोर्टल पर अब तक लगभग तीस करोड़ वैक्सीन खुराक दर्ज हो चुकी है। टेली मेडिसिन के माध्यम से तीस करोड़ से अधिक ई–टेली-कन्सल्टेशन से नागरिकों को स्वास्थ्य लाभ मिला है।

देश में यदि विभिन्न प्रकार की बीमारियां फैल रही हैं तो इन बीमारियों के पहचानने के लिए उचित संख्या में डॉक्टरों की उपलब्धता बनी रहे एवं विशेष रूप से गांवों में भी डॉक्टर उपलब्ध रहें इस हेतु केंद्र सरकार द्वारा देश में डॉक्टरों की संख्या को बढ़ाने के लिए पिछले 10 वर्षों के दौरान देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में 110,000 नई मेडिकल सीटों का सृजन, 130 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ, किया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 10,000 अतिरिक्त मेडिकल सीटों का सृजन भी किया जा रहा है ताकि आगामी पांच वर्षों के दौरान देश के मेडिकल कॉलेजों में 75,000 नई सीटों के सृजन के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। साथ ही, केंद्र सरकार हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर और मेडिकल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा दे रही है। देश में नए बल्क ड्रग और मेडिकल डिवाइसेस के पार्क भी बनाए जा रहे हैं। इनमें रोजगार के अनेक नए अवसर भी उपलब्ध हो रहे हैं।

जल जनित बीमारियों के बचाव के उद्देश्य से, विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ जल उपलब्ध कराने की दृष्टि से, ताकि दूषित जल पीने से होने वाली बीमारियों से नागरिकों की रक्षा की जा सके, केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2019 से जल जीवन मिशन चलाया जा रहा है और अभी तक 15 करोड़ परिवारों (भारत की 80 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या) को इस योजना के अंतर्गत नलों के माध्यम से शुद्ध जल उपलब्ध कराया जा चुका है।

स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता की दृष्टि से भारत में निवासरत नागरिक एक तरह से स्वर्ग में निवास कर रहे हैं। अन्यथा, अन्य कई विकसित देशों में आज स्वास्थ्य सेवाएं न केवल अत्यधिक महंगी दरों पर उपलब्ध हो रही हैं बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं का समय पर उपलब्ध होना भी बहुत मुश्किल हो रहा है। अमेरिका में किसी नागरिक को यदि किसी डॉक्टर से अपाइंटमेंट लेना हो तो कभी कभी तो एक माह तक इसका इंतजार करना होता है। इमर्जेन्सी की स्थिति में विशेष इमर्जेन्सी अस्पताल में दिखाना होता है, जहां अत्यधिक महंगी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होती है। यदि किसी नागरिक के पास स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध नहीं है तो सम्भव है कि पूरे जीवन भर की कमाई इन विशेष इमर्जेन्सी अस्पतालों में खर्च हो जाए। अतः स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में अमेरिका में आज डॉक्टर को दिखाकर दवाई लेना अति मुश्किल काम है। इन विकसित देशों के विपरीत, भारत में तो किसी भी मोहल्ले में डॉक्टर को बहुत आसानी से दिखाया जा सकता है एवं तुरंत दवाई ली जा सकती है। आज अमेरिका में स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि वहां के नागरिक बीमार होने की स्थिति में, स्थानीय डॉक्टर से चूंकि तुरंत समय नहीं मिल पाता है अतः, ये बीमार नागरिक आस पास के देशों में जाकर अपना इलाज करा रहे हैं। अमेरिका सहित अन्य विकसित देशों में बिना मेडिकल बीमा के आप इन देशों में जिंदा नहीं रह सकते। अब आप कल्पना करें कि भारत में इलाज कराना कितना आसान है एवं वास्तव में ही इस दृष्टि से हम भारत में एक तरह से स्वर्ग में निवास कर रहे हैं।

कुल मिलाकर, देश में उत्तम स्थिति तो यह होनी चाहिए कि देश के नागरिक बीमार ही नहीं पड़ें, यह तभी सम्भव है जब देश के नागरिक अपनी सनातन संस्कृति के संस्कारों का नियमित रूप से अनुपालन पुनः प्रारम्भ करें। यदि ऐसा नहीं हो पाता है तो केंद्र एवं राज्य सरकारों को नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए इसी प्रकार अपने बजट में बहुत बड़ी राशि का प्रावधान करते रहना पड़ेगा।


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Prahlad Sabnani

Shri Prahlad Sabanani is a distinguished and experienced personality in the Indian banking sector, having served in various significant positions at the State Bank of India for 40 years. He retired as Deputy General Manager from the Corporate Centre of the State Bank of India in Mumbai. His three books—World Trade Organization: Impact on Indian Banking and Industry, Banking Today, and Banking Update—are highly acclaimed. He is also a prolific writer on economic and social issues of national importance.

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