हर भारतीय ने दिसंबर 2024 में 12 बार UPI से लेन-देन! बना नया कीर्तिमान!!

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औसतन हर भारतीय ने दिसंबर 2024 में 12 बार UPI लेन-देन किए, और हर सेकंड में भारत ने लगभग 530 UPI लेन-देन दर्ज किए, जो मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया की अद्वितीय गति और पैमाने को दर्शाता है।

 

भारतीय अर्थव्यवस्था में डिजिटल भुगतान प्रणाली ने एक नए युग की शुरुआत की है, और इसमें मोदी सरकार की नीतियों और दृष्टिकोण का अहम योगदान है। दिसंबर 2024 में, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने अपने इतिहास का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाया, जहां लेनदेन की संख्या 16.73 बिलियन तक पहुंची और इसका कुल मूल्य ₹23.25 ट्रिलियन (US$ 271.96 बिलियन) रहा। यह उपलब्धि न केवल डिजिटल इंडिया अभियान की सफलता को दर्शाती है, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में भी सहायक बनी है।

UPI: डिजिटल लेनदेन का नायक

UPI ने अपने लॉन्च के बाद से ही लेनदेन में पारदर्शिता, सहजता और सुरक्षा को बढ़ावा दिया है। दिसंबर 2024 में, UPI लेनदेन में 8% मासिक वृद्धि देखी गई, जो इसके लोकप्रियता और स्वीकार्यता का प्रमाण है। पूरे वर्ष 2024 में, UPI लेनदेन की मात्रा 46% बढ़कर 172 बिलियन हो गई, और इसका कुल मूल्य ₹247 ट्रिलियन (US$ 2.88 ट्रिलियन) तक पहुंच गया।

UPI के माध्यम से पर्सन-टू-मर्चेंट लेनदेन में विशेष वृद्धि देखी गई। दिसंबर में प्रतिदिन औसतन 540 मिलियन लेनदेन हुए, जो नवंबर में 516 मिलियन थे। इसने छोटे व्यापारियों और उपभोक्ताओं के बीच डिजिटल भुगतान को सहज और सुलभ बनाया है।

अन्य भुगतान प्रणालियों में भी वृद्धि

UPI के साथ-साथ अन्य भुगतान प्रणालियों में भी दिसंबर 2024 में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई:

IMPS (इमीडिएट पेमेंट सर्विस): लेनदेन में 8% वृद्धि के साथ 441 मिलियन लेनदेन हुए, जिनकी कुल राशि ₹6.02 ट्रिलियन (US$ 70.42 बिलियन) रही।

FASTag: 382 मिलियन लेनदेन के साथ, इसमें 6% की वृद्धि हुई, और इसका कुल मूल्य ₹6,642 करोड़ (US$ 776.90 मिलियन) तक पहुंचा।

AePS (आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम): इसने भी मामूली वृद्धि दर्ज की, जहां लेनदेन की मात्रा में 1% की वृद्धि हुई।

मोदी सरकार की नीति और विजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने डिजिटल इंडिया अभियान के तहत एक मजबूत आधारभूत संरचना तैयार की। फिनटेक क्रांति को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई नीतियों ने न केवल शहरों में बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दिया। UPI और आधार जैसे नवाचारों ने हर नागरिक को डिजिटल अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाया है।

विकसित भारत के निर्माण में फिनटेक की भूमिका

भारत के विकसित राष्ट्र बनने के सपने को साकार करने में फिनटेक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। फिनटेक ने लेनदेन में पारदर्शिता, आर्थिक समावेशन और कैशलेस इकोनॉमी को सशक्त किया है। UPI ने समाज में एक ऐसी क्रांति लाई है, जिसने नकद लेनदेन की निर्भरता को कम करते हुए डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा दिया है।

डिजिटल भुगतान प्रणाली के तहत UPI न केवल एक वित्तीय साधन है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत की नींव भी है। 2024 में रिकॉर्ड तोड़ आंकड़ों के साथ, यह स्पष्ट है कि फिनटेक का विकास भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

UPI ने भारत को एक नई दिशा में अग्रसर किया है, जहां हर नागरिक डिजिटल परिवर्तन का हिस्सा बन रहा है। यह फिनटेक क्रांति विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में मील का पत्थर साबित हो रही है।


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