महाकुंभ 2025: आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक भव्यता का संगम

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16 जनवरी 2025 को 10 देशों से आए 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी संगम में पवित्र स्नान किया। इस प्रतिनिधिमंडल में फिजी, फिनलैंड, गुयाना, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, त्रिनिदाद और टोबैगो तथा संयुक्त अरब अमीरात के सदस्य शामिल थे।

महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक आस्था का एक अद्वितीय प्रतीक है। इस वर्ष प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 ने 23 जनवरी तक 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित किया है। केवल मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025) के दिन ही 3.5 करोड़ श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान के लिए एकत्र हुए। इस वर्ष महाकुंभ मेले में कुल 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

16 जनवरी 2025 को 10 देशों से आए 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी संगम में पवित्र स्नान किया। इस प्रतिनिधिमंडल में फिजी, फिनलैंड, गुयाना, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, त्रिनिदाद और टोबैगो तथा संयुक्त अरब अमीरात के सदस्य शामिल थे। उनके प्रवास की विशेष व्यवस्था अरैल के टेंट सिटी में की गई थी।

अभूतपूर्व व्यवस्थाएँ और उच्चस्तरीय प्रबंधन

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस विराट आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक, बुनियादी ढांचे में सुधार, और सतत विकास की योजनाओं को लागू किया है। इस वर्ष का महाकुंभ आयोजन प्रबंधन और वैश्विक सांस्कृतिक आदान-प्रदान की दृष्टि से एक नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इस बार के कुंभ मेले में पवित्र शाही स्नान, अखाड़ों की भव्य शोभायात्राएँ, डिजिटल नवाचार, और पर्यावरण-संवेदनशील पहलें विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।

महाकुंभ के प्रमुख आकर्षण

महाकुंभ 2025 आध्यात्मिकता, संस्कृति और नवाचार का एक जीवंत संगम है। इस वर्ष के प्रमुख आकर्षणों में “तेजस पंडाल” विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जो 85 फीट ऊँचा है और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के तेजस लड़ाकू विमान के मॉडल पर आधारित है।

इसके अतिरिक्त, मेले में अखाड़ों की पारंपरिक धार्मिक और युद्धकला संबंधी विरासत को दर्शाया गया है। “वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट” प्रदर्शनी में विभिन्न जिलों के कारीगरों को अपनी कला और हस्तशिल्प प्रदर्शित करने का अवसर मिला है। वहीं “कलाग्राम” एक जीवंत संग्रहालय की तरह भारतीय शिल्प, व्यंजनों और संस्कृति का प्रदर्शन कर रहा है।

एक विशेष ड्रोन शो के माध्यम से “प्रयाग माहात्म्य” और “समुद्र मंथन” की पौराणिक कथाओं का अद्भुत प्रदर्शन किया जा रहा है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर रहा है। इसके अलावा, 24 फरवरी 2025 तक चलने वाले इस महोत्सव में प्रसिद्ध कलाकार शंकर महादेवन, मोहित चौहान, कैलाश खेर और अन्य प्रतिष्ठित संगीतज्ञ अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से इस आयोजन को और भी भव्य बना रहे हैं।

महाकुंभ 2025: अतीत और भविष्य का संगम

महाकुंभ मेला 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और नवाचार का समन्वित संगम है। इस आयोजन ने न केवल भारत बल्कि संपूर्ण विश्व को भारतीय संस्कृति की भव्यता और इसकी आध्यात्मिक गहराई से परिचित कराया है। प्रयागराज का यह महाकुंभ भविष्य के आयोजन प्रबंधन और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।


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Shivesh Pratap

Shivesh Pratap is a management consultant, author, and public policy analyst, having written extensively on the policies of the Modi government, foreign policy, and diplomacy. He is an electronic engineer and alumnus of IIM Calcutta in Supply Chain Management. Shivesh is actively involved in several think tank initiatives and policy framing activities, aiming to contribute towards India's development.

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