2024 के अंत तक देश के 779 जिलों में 5G सेवाएं उपलब्ध हो चुकी हैं और अब तक 4.6 लाख से अधिक 5G बेस ट्रांससीवर स्टेशन (BTSs) स्थापित किए जा चुके हैं। यह देश के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती प्रदान कर रहा है और विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
भारत में दूरसंचार नेटवर्क को सशक्त बनाने और विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार लाने के लिए सरकार कई योजनाओं और परियोजनाओं को लागू कर रही है। इन योजनाओं के तहत, सरकार दूरसंचार कनेक्टिविटी का विस्तार करने के लिए ग्रामीण, दूरदराज और पहाड़ी इलाकों में मोबाइल टावर्स की स्थापना कर रही है। इन प्रयासों से विज़न विकसित भारत (Vision ViksitBharat) की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
डिजिटल भारत निधि के तहत योजनाओं का क्रियान्वयन
सरकार ने डिजिटल भारत निधि (पहले जिसे यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड कहा जाता था) के तहत दूरसंचार कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन शुरू किया है। इनमें से एक प्रमुख योजना 4G सैचुरेशन प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य देश के 24,680 अनकवर्ड गांवों में 4G मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करना है। इसके अलावा, इस परियोजना में 20% अतिरिक्त गांवों को शामिल करने का प्रावधान है, जैसे कि पुनर्वास, नए आवासीय क्षेत्रों, और मौजूदा ऑपरेटरों द्वारा सेवाओं की वापसी आदि के कारण।
भारतनेट योजना का विस्तार
भारत सरकार ने भारतनेट कार्यक्रम के संशोधित संस्करण को मंजूरी दी है, जिसमें ₹1,39,579 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। यह योजना 2.64 लाख ग्राम पंचायतों और लगभग 3.8 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए है, और इसे 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में मांग के आधार पर लागू किया जाएगा। यह योजना भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी, जो विकसित भारत के लक्ष्य के अनुरूप है।
5G सेवा का विस्तार
भारत में 5G सेवाओं के विस्तार के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इनमें मोबाइल सेवाओं के लिए पर्याप्त स्पेक्ट्रम की नीलामी, E-बैंड में 250 MHz के दो कैरियर्स की अस्थायी रूप से आवंटन, और समायोजित सकल राजस्व (AGR) तथा बैंक गारंटी (BGs) के संदर्भ में वित्तीय सुधार शामिल हैं। इसके परिणामस्वरूप, 2024 के अंत तक देश के 779 जिलों में 5G सेवाएं उपलब्ध हो चुकी हैं और अब तक 4.6 लाख से अधिक 5G बेस ट्रांससीवर स्टेशन (BTSs) स्थापित किए जा चुके हैं। यह देश के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती प्रदान कर रहा है और विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
दूरदर्शन नेटवर्क का आधुनिकीकरण
भारत सरकार ने ब्रॉडकास्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क डेवलपमेंट (BIND) योजना को 2021-26 तक ₹2,539.61 करोड़ की लागत से मंजूरी दी है। इस योजना के तहत, देश भर में दूरदर्शन नेटवर्क के आधुनिकीकरण और उन्नयन का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा, डीडी फ्री डिश, जो एक फ्री-टू-एयर डायरेक्ट-टू-होम (DTH) सेवा है, का देशभर में पूर्ण कवरेज है और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक विशेष 10 चैनल C-बैंड सैटेलाइट DTH सेवा संचालित हो रही है।
दूरस्थ क्षेत्रों में कनेक्टिविटी
भारत में कुछ वितरण प्लेटफार्म जैसे DTH और हेडेंड इन द स्काई (HITS) सैटेलाइट्स और एयरवेव्स का उपयोग करते हैं, ताकि वे दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में टीवी चैनल्स की सेवा प्रदान कर सकें। यह प्लेटफार्म देश के सभी हिस्सों में आसानी से कनेक्टिविटी सुनिश्चित करते हैं, जिससे दूरदराज और कठिन इलाकों में भी सेवा उपलब्ध हो पाती है।
विकसित भारत के निर्माण में योगदान
सरकार की इन योजनाओं और परियोजनाओं से डिजिटल इंडिया का सपना साकार हो रहा है। इससे भारत के दूरदराज क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी का विस्तार हो रहा है, जिससे ग्रामीण इलाकों में जीवन स्तर में सुधार होगा। PM-AASHA जैसी योजनाओं के साथ, यह दूरसंचार नेटवर्क मजबूत होने से किसान, विद्यार्थी, छोटे व्यापारी, और अन्य समाज के सभी वर्गों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। इस प्रकार, ये योजनाएं भारत को विकसित भारत की ओर अग्रसर कर रही हैं, जहां सभी नागरिकों को समान डिजिटल अवसर मिलेंगे।
भारत सरकार के दूरसंचार नेटवर्क सशक्तिकरण प्रयासों से डिजिटल कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है। इन योजनाओं से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी की खाई को पाटा जा रहा है, बल्कि यह विकसित भारत की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इन पहलों से देश के सभी हिस्सों में समावेशी विकास और अवसरों का विस्तार होगा, जो भारत को दुनिया के प्रमुख डिजिटल देशों में से एक बना देगा।