PLI 2.0 लैपटॉप, टैबलेट, सर्वर, और अन्य आईटी हार्डवेयर उत्पादों के निर्माण पर 5% प्रोत्साहन प्रदान करती है। दिसंबर 2024 तक, इस योजना के तहत ₹10,000 करोड़ का उत्पादन, ₹520 करोड़ का निवेश, और 3,900 नई नौकरियां सृजित की गई हैं।
भारत आईटी हार्डवेयर निर्माण के क्षेत्र में बड़ी प्रगति कर रहा है, जो आत्मनिर्भरता और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक परिवर्तनकारी चरण का प्रतीक है। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) 2.0, विश्वस्तरीय सुविधाओं और वैश्विक साझेदारियों जैसे प्रयासों के साथ, मोदी सरकार ने भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी हार्डवेयर निर्माण में वैश्विक नेतृत्व के रूप में उभरने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान किया है।
भारत में आईटी हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग का महत्व
आईटी हार्डवेयर निर्माण भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करता है। यह जीडीपी में वृद्धि, रोजगार सृजन और भारत की वैश्विक व्यापार स्थिति को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है। आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया जैसी पहलों के तहत, यह क्षेत्र आयात पर निर्भरता कम कर रहा है और स्थानीय तकनीकी क्षमताओं को बढ़ावा दे रहा है। स्वदेशी उत्पादन न केवल तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देता है बल्कि नवाचार और एक मजबूत डिजिटल संरचना को भी प्रेरित करता है। इसके अलावा, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत को एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में आईटी हार्डवेयर निर्माण महत्वपूर्ण योगदान देता है।
मोदी सरकार के प्रयास और उपलब्धियां
आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0
मई 2023 में शुरू की गई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) 2.0 लैपटॉप, टैबलेट, सर्वर, और अन्य आईटी हार्डवेयर उत्पादों के निर्माण पर 5% प्रोत्साहन प्रदान करती है। दिसंबर 2024 तक, इस योजना के तहत ₹10,000 करोड़ का उत्पादन, ₹520 करोड़ का निवेश, और 3,900 नई नौकरियां सृजित की गई हैं। योजना का उद्देश्य ₹3.5 लाख करोड़ का उत्पादन और 47,000 नौकरियां उत्पन्न करना है।
सिरमा एसजीएस लैपटॉप असेंबली लाइन का उद्घाटन
चेन्नई के मद्रास एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग ज़ोन (MEPZ) में सिरमा एसजीएस की लैपटॉप असेंबली लाइन का उद्घाटन आईटी हार्डवेयर निर्माण में भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह सुविधा शुरुआती तौर पर 1,00,000 लैपटॉप प्रतिवर्ष उत्पादन करेगी, जिसे 10 लाख यूनिट तक बढ़ाया जा सकता है। ताइवान की प्रमुख तकनीकी कंपनी एमएसआई के साथ साझेदारी इसे वैश्विक मानकों का हिस्सा बनाती है।
तमिलनाडु: इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण का पावरहाउस
तमिलनाडु भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राज्य का कुल उत्पादन ₹1.3 लाख करोड़ से अधिक है और यह भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में 30% योगदान देता है। पीएलआई 2.0 के तहत स्वीकृत सात इकाइयों में से पहली का उद्घाटन हाल ही में हुआ। इसके अलावा, iPhone 16 Pro का “मेड इन इंडिया” टैग तमिलनाडु के तकनीकी कौशल को दर्शाता है।
इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स पारिस्थितिकी तंत्र का विकास
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के स्वदेशी विकास पर जोर दिया है। यह न केवल आत्मनिर्भर भारत को सशक्त बनाएगा, बल्कि वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा।
भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षमता का विस्तार
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 2014 में ₹2.4 लाख करोड़ से बढ़कर 2024 में ₹9.8 लाख करोड़ हो गया है। मोबाइल निर्माण में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है, जिसमें ₹4.4 लाख करोड़ का उत्पादन और ₹1.5 लाख करोड़ का निर्यात शामिल है।
विकसित भारत मिशन में आईटी हार्डवेयर निर्माण की भूमिका
डिजिटल सशक्तिकरण
स्थानीय रूप से निर्मित और सस्ते आईटी हार्डवेयर उत्पाद डिजिटल इंडिया पहल को सशक्त बनाएंगे और तकनीक तक समान पहुंच सुनिश्चित करेंगे।
रोजगार सृजन
आईटी हार्डवेयर निर्माण क्षेत्र हजारों विशेषीकृत नौकरियों का सृजन कर रहा है, जो भारतीय युवाओं के लिए अवसर प्रदान करता है।
स्थिरता और नवाचार
यह क्षेत्र पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं और तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहित करता है, जिससे दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित होती है।
आयात पर निर्भरता में कमी
उच्च मूल्य वाले इलेक्ट्रॉनिक्स के घरेलू उत्पादन से आयात पर निर्भरता कम होगी और आर्थिक मजबूती बढ़ेगी।
वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता
भारत की बढ़ती उत्पादन क्षमता इसे वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बनाती है, जिससे देश की साख बढ़ रही है।
चुनौतियां और आगे का रास्ता
हालांकि भारत ने आईटी हार्डवेयर निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन अभी भी चुनौतियां बनी हुई हैं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना, अनुसंधान और विकास क्षमताओं को बढ़ावा देना, और उद्योग की मांगों को पूरा करने के लिए कौशल विकास शामिल हैं।
सरकार की “वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन” योजना और ₹1 लाख करोड़ के कोष जैसी पहल इन चुनौतियों को हल करने में सहायक सिद्ध होंगी।
आईटी हार्डवेयर निर्माण क्षेत्र भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की यात्रा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, पीएलआई 2.0 जैसी योजनाओं और विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे में निवेश ने इस क्षेत्र को एक मजबूत आधार प्रदान किया है। तमिलनाडु और अन्य राज्यों के नेतृत्व में, भारत आईटी हार्डवेयर निर्माण में वैश्विक नेता बनने के लिए तैयार है। यह विकसित भारत मिशन के साथ पूरी तरह मेल खाता है और आत्मनिर्भर, नवोन्मेषी, और समृद्ध भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।