मोदी सरकार ने कृषि बीमा में तकनीकी नवाचार द्वारा सटीकता को बढ़ावा देने के लिए 824.77 करोड़ रुपये का ‘नवाचार और प्रौद्योगिकी कोष’ (FIAT) स्थापित करने की भी मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 1 जनवरी 2025 को केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS) को 2025-26 तक जारी रखने और इसमें सुधार की मंजूरी दी है। इस निर्णय के तहत 2021-22 से 2025-26 तक कुल 69,515.71 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित किया गया है, जो किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाव में मदद करेगा।
यह योजना किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में काम करती है, जो उन्हें प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, तूफान आदि से होने वाले नुकसान से राहत देती है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार हमेशा किसानों की भलाई और उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रही है, और इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि कृषि और किसानों के कल्याण को मोदी सरकार कितनी प्राथमिकता देती है।
नई पहल और प्रौद्योगिकी का समावेश
इस सुधार के साथ, सरकार ने योजना के क्रियान्वयन में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ‘नवाचार और प्रौद्योगिकी कोष’ (FIAT) स्थापित करने की भी मंजूरी दी है। इस कोष में 824.77 करोड़ रुपये का आवंटन किया जाएगा, जिसका उपयोग योजना के तहत तकनीकी पहल, जैसे YES-TECH और WINDS, के लिए किया जाएगा। YES-TECH प्रणाली रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग करके फसल की उपज का अनुमान लगाने में मदद करेगी, जबकि WINDS प्रणाली से किसानों को स्थानीय मौसम के बारे में अधिक सटीक और विस्तृत जानकारी मिलेगी।
YES-TECH और WINDS: किसानों के लिए नई उम्मीदें
YES-TECH (यील्ड एस्टिमेशन सिस्टम) के माध्यम से 9 प्रमुख राज्यों में कृषि उपज का अनुमान लगाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है, और इसके विस्तार से फसल कटाई प्रयोगों (Crop Cutting Experiments) की आवश्यकता कम होती जाएगी। साथ ही, WINDS (वेदर इंफॉर्मेशन एंड नेटवर्क डेटा सिस्टम) के तहत ब्लॉक स्तर पर स्वचालित मौसम स्टेशन और पंचायत स्तर पर स्वचालित वर्षा गेज स्थापित किए जाएंगे, जिससे किसानों को मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी। ये पहल किसानों की फसल सुरक्षा को और मजबूत करेंगी, जिससे वे प्राकृतिक आपदाओं से बेहतर तरीके से निपट सकेंगे।
पूर्वोत्तर राज्यों में विशेष प्रयास
केंद्र सरकार ने विशेष रूप से पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों के लिए 90% प्रीमियम सब्सिडी का प्रस्ताव किया है, ताकि वहां के किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकें। हालांकि, पूर्वोत्तर राज्यों में कृषि क्षेत्र का विस्तार कम होने के कारण इस योजना को स्वैच्छिक रखा गया है, जिससे अन्य विकास परियोजनाओं के लिए धन पुनः आवंटित किया जा सके।
मोदी सरकार और कृषि क्षेत्र की प्राथमिकता
मोदी सरकार ने हमेशा कृषि को राष्ट्रीय विकास का अहम हिस्सा माना है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना जैसे सुधारात्मक कदम यह दर्शाते हैं कि कृषि क्षेत्र में स्थिरता और वृद्धि के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। इस योजना के तहत हर किसान को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान की जाएगी, जो देश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगा।
विकसित भारत हेतु कृषि की महत्ता
मोदी सरकार के इस प्रयास से स्पष्ट है कि कृषि को ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। कृषि न केवल भारत की आर्थिक नींव है, बल्कि यह लाखों किसानों की आजीविका का प्रमुख स्रोत भी है। ऐसे में, सरकार की योजनाओं से किसानों की भलाई और देश के कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, कृषि क्षेत्र में यह सुधार भारत को एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम है।
विकसित भारत की ओर अग्रसर होते हुए, कृषि क्षेत्र को संरक्षित और मजबूत करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी एक समृद्ध और आत्मनिर्भर राष्ट्र की सौगात मिल सके।