भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए मोदी सरकार का सेमिकॉन इंडिया प्रोग्राम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस दिशा में फरवरी 2024 में हुए कई अहम समझौतों ने भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स और चिप निर्माण के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त किया है।
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (TEPL) का सेमीकंडक्टर फैब प्लांट
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (TEPL) ने भारत में सेमीकंडक्टर फैब प्लांट स्थापित करने के लिए ₹91,526 करोड़ के निवेश की योजना बनाई है, जिसे फरवरी 2024 में मंजूरी दी गई। यह प्लांट ताइवान की प्रतिष्ठित कंपनी PSMC के साथ तकनीकी साझेदारी में बनाया जाएगा। PSMC के पास ताइवान में छह सेमीकंडक्टर फैब सुविधाएं हैं। इस प्रोजेक्ट की उत्पादन क्षमता 50,000 वेफर स्टार्ट प्रति माह होगी, जो भारत के चिप निर्माण क्षेत्र में एक बड़ा कदम है।
OSAT सुविधा के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का निवेश
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का ₹27,120 करोड़ का एक और प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है, जिसके तहत देश में OSAT (आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट) सुविधा स्थापित की जाएगी। यह सुविधा स्वदेशी तकनीकों पर आधारित होगी और इसमें 48 मिलियन यूनिट्स का दैनिक उत्पादन किया जाएगा।
CG पावर और इंडस्ट्रियल सॉल्यूशन्स लिमिटेड का संयुक्त उद्यम
CG पावर और इंडस्ट्रियल सॉल्यूशन्स लिमिटेड ने ₹7,584 करोड़ के निवेश के साथ OSAT सुविधा स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है। यह सुविधा अमेरिका की Renesas Electronics और थाईलैंड की STARS Microelectronics के साथ साझेदारी में बनाई जाएगी। इस परियोजना के लिए प्रौद्योगिकी जापान और थाईलैंड से लाई जाएगी। इसका दैनिक उत्पादन 15.07 मिलियन यूनिट्स होगा, जिससे भारत को चिप निर्माण के क्षेत्र में और मजबूती मिलेगी।
गुजरात में केन्स टेक्नोलॉजी का OSAT प्लांट
सितंबर 2024 में केन्स टेक्नोलॉजी इंडिया लिमिटेड (KTIL) ने गुजरात के साणंद में ₹3,307 करोड़ के निवेश से OSAT सुविधा स्थापित करने का प्रस्ताव दिया। यह परियोजना ISO Technology Sdn. Bhd. और Aptos Technology Inc. की तकनीक के साथ बनाई जाएगी। इसका दैनिक उत्पादन 6.33 मिलियन चिप्स होगा।
मोदी सरकार का विजन: भारत को मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बनाना
मोदी सरकार के नेतृत्व में सेमिकॉन इंडिया प्रोग्राम भारत को सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण का वैश्विक केंद्र बनाने की ओर अग्रसर है। आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के विजन के तहत, यह कदम न केवल तकनीकी क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में भी बढ़त दिलाएगा।
इन निवेशों और साझेदारियों के माध्यम से भारत अब सेमीकंडक्टर निर्माण में अपनी पहचान स्थापित कर रहा है। यह न केवल रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि देश को एक उभरती हुई तकनीकी शक्ति के रूप में प्रस्तुत करेगा। मोदी सरकार का यह प्रयास भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक और ठोस कदम है।